कोई कहे की की हिन्दू मूर्ती पूजा क्यों करते हैं तो उन्हें बता दें मूर्ती पूजा का रहस्य :-
स्वामी विवेकानंद को एक राजा ने
अपने भवन में बुलाया और बोला,
“तुम हिन्दू लोग मूर्ती की पूजा करते हो!
मिट्टी, पीतल, पत्थर की मूर्ती का.!
पर मैं ये सब नही मानता।
ये तो केवल एक पदार्थ है।”
उस राजा के सिंहासन के पीछे
किसी आदमी की तस्वीर लगी थी।
विवेकानंद जी कि नजर उस
तस्वीर पर पड़ी।
विवेकानंद जी ने राजा से पूछा,
“राजा जी, ये तस्वीर किसकी है?”
राजा बोला, “मेरे पिताजी की।”
स्वामी जी बोले, “उस तस्वीर को अपने
हाथ में लीजिये।”
राज तस्वीर को हाथ मे ले लेता है।
स्वामी जी राजा से : “अब आप उस
तस्वीर पर थूकिए!”
राजा : “ये आप क्या बोल रहे हैं
स्वामी जी.?
“स्वामी जी : “मैंने कहा उस
तस्वीर पर थूकिए..!”
राजा (क्रोध से) : “स्वामी जी, आप होश मे
तो हैं ना? मैं ये काम नही कर सकता।”
स्वामी जी बोले, “क्यों?
ये तस्वीर तो केवल
एक कागज का टुकड़ा है,
और जिस पर कूछ रंग लगा है।
इसमे ना तो जान है,
ना आवाज,
ना तो ये सुन सकता है,
और ना ही कूछ बोल सकता है।”
और स्वामी जी बोलते गए,
“इसमें ना ही हड्डी है और ना प्राण।
फिर भी आप इस पर कभी थूक
नही सकते।
क्योंकि आप इसमे अपने
पिता का स्वरूप देखते हो।
और आप इस तस्वीर का अनादर
करना अपने पिता का अनादर करना
ही समझते हो।”
थोड़े मौन के बाद स्वामी जी आगे कहाँ,
“वैसे ही, हम हिंदू भी उन पत्थर, मिट्टी,
या धातु की पूजा भगवान का स्वरूप मान
कर करते हैं।
भगवान तो कण-कण मे है, पर
एक आधार मानने के लिए और
मन को एकाग्र करने के
लिए हम मूर्ती पूजा करते हैं।”
स्वामी जी की बात सुनकर राजा ने
स्वामी जी के चरणों में गिर कर
क्षमा माँगी।
दोस्तों आपको ये ब्लॉग कैसा लगता है। कमेंट बॉक्स में अपनी प्रतिक्रिया जरूर दीजियेगा। जिससे मुझे प्रोत्साहन मिलता रहे।
जीवन में निर्गुण निराकार श्रेष्ट बताया जाता है | मानव शरीर का स्वाभाव रजोगुण है | इसलिए मन को भगवान या गुरु में एकाग्र करने के लिए स्वरुप होना आवश्यक है और भगवान की मूर्ती में मन आसानी से एकाग्र हो जाती है |
ReplyDeleteसही उदाहरण
ReplyDeleteमैं स्वामी विवेकानंद जी के बातों से सहमत है....... उनका उदाहरण तर्कसंगत और सत्य है....
ReplyDeleteGood explanation for people who says that Hindu me kitne Devta hai .
ReplyDeleteGood explanation for people who says that Hindu me kitne Devta hai .
ReplyDeleteThis is perfect answers for those who questions on Murti Puja
ReplyDeleteHats off to Swami Vivekananda ji
Thank you for Bringing this
https://everythingtoinfinite.blogspot.in/
Bahut sahi bataya aapne,ye Gyan dene ke liye bahut dhanyavad
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