बेटी को बोझ ना समझें और ना ही उसके जन्म पर निराश हों, क्योंकि बिना बेटी के परिवार नाम की संस्था का अस्तित्व ही खतरे में पड़ जाएगा। इसी संदेश के साथ देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत सुकन्या समृद्धि योजना को लांच किया। यह योजना बेटियों की पढ़ाई और उनकी शादी पर आने वाले खर्च को आसानी से पूरा करने के उद्देश्य से लांच की गई है। इस अनोखी योजना में खाता खुलवाना और इसके फायदे लेना बड़ा ही आसान है।
- "सुकन्या समृद्धि खाता" किसी भी डाकघर अथवा अधिकृत बैंक शाखा में खुलवाया जा सकता है। बेटी के जन्म के समय या फिर 10 साल की उम्र तक यह खाता खुलवाया जा सकता है। खाता खुलवाने के समय कम से कम 1000 रूपए और एक वित्त वर्ष में अधिकतम 1.5 लाख रूपए जमा करवाने होते हैं। अगर आपकी बेटी ने योजना शुरू होने के एक साल पहले भी 10 वर्ष की आयु प्राप्त कर ली हो, तो ऎसी बेटियों के खाते भी खुलवाए जा सकते हैं। हालांकि एक बेटी के नाम से एक ही खाता खोला जा सकता है।
- परिवार में अगर दो बालिकाएं हैं, तो दोनों के लिए यह खाता खोला जा सकता है। एक परिवार में दोे से अधिक बालिकाओं का खाता इस योजना में नहीं जुड़वाया जा सकता है। हालांकि जुड़वां बच्चे होने की स्थिति में संबंधित प्रमाण-पत्र प्रस्तुत कर तीसरा खाता भी खुलवाया जा सकता है। बेटी के 10 वर्ष की आयु पूर्ण करने से पहले खाते का संचालन अभिभावक ही करेंगे, लेकिन इसके पश्चात स्वयं खाताधारक बालिका भी खाते का संचालन अपने हाथ में ले सकेगी। इस खाते को देशभर में कहीं भी स्थानांतरित करवाया जा सकता है।
- आपको इस खाते में न्यूनतम राशि खाता खोलने की तिथि से 14 वर्ष तक जमा करानी होगी। अगर खाते में न्यूनतम राशि जमा नहीं करवाई गई, तो न्यूनतम राशि सहित 50 रूपए पैनल्टी स्वरूप वसूल किए जाएंगे। खाता 21 वर्ष पूरे होने के बाद ही परिपक्व होगा।
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